DSEU Edmission 2021: दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) की इस शैक्षणिक सत्र से शुरुआत होने जा रही है। जिसके तहत 12 पाठ्यक्रमों के साथ डीएसईयू शुरु होगी। तो वहीं दाखिला के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में नहीं आना होगा, बल्कि छात्रों को दाखिला देने के लिए उनके पास जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के इतिहास में ये पहली बार होगा जब एक विश्वविद्यालय दाखिला के लिए छात्रों के पास खुद जाएगा। जिसके तहत डीएसईयू दिसम्बर-जनवरी के महीने में स्कूलों में जाकर एप्टीट्यूड परीक्षा आयोजित करेगा, जिसके आधार पर उन्हें दाखिला दिया जाएगा।
6 हजार छात्र क्षमता से शुरु होगी डीएसईयू
डीएसईयू की इस से शुरुआत के लिए शुक्रवार केा एक वेबिनार आयोजित किया। जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ ही विधायक आतिशी, डीएसईयू की कुलपति निहारिका वोहरा समेत दिल्ली के के सरकार विद्यालयों के प्रमुख मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस सत्र से 6 हजार छात्र क्षमता के साथ डीएसईयू को शुरु किया जाएगा। जिसमें डिप्लोमा कोर्स में 4500 सीटें होंगी, तो वहीं डिग्री कोर्स के लिए 1500 सीटें होंगी। उन्होंने कहा कि डीएसईयू का मकसद दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र में आत्मविश्वास विकसित करना है कि उनकी आगे की पढ़ाई के लिए एक विश्वस्तरीय संस्थान तैयार है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में वोकेशनल स्ट्रीम में पढ़ने वाले बच्चों को डीयू में दाखिला नहीं मिल पाता है।ऐसे बच्चों के मन में हमेशा ये सवाल होता है कि वोकेशनल की पढ़ाई करके हम कहां जाए। यह विश्वविद्यालय उन छात्राें के सवाल का जबाव है। जो हमारे छात्रों को ये कांफिडेंस देगा वो वोकेशनल की पढ़ाई जारी रखे और उन्हें ये कॉन्फिडेंस होगा कि उनकी आगे की पढ़ाई के लिए एक यूनिवर्सिटी अपने दरवाजे खोलकर बैठी है।नौकरी आधारित 12 पाठ्यक्रम होंगे, विश्वविद्यालय से कई कंपनियां जुड़ी
डीएसईयू में नौकरी आधारित 12 पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। जिसमें बीए इन डिजिटल मीडिया, बीए इन बिजनेश मैनजमेंट, बीए इन डाटा एनालायसिस जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं। तो वहीं विश्वविद्यालय से इंडस्ट्री पार्टनर के तौर पर एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी, टेक महिंद्रा और हीरो जैसी कंपनियां भी जुड़ी है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि डीएसईयू ने बाजार और इंडस्ट्री की मांग को देखकर पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। जिससे हमारे छात्रों में उद्यमशीलता तो बढ़ेगी ही साथ ही उन्हें जॉब के लिए भी भटकना नहीं होगा। उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि विश्वविद्यालय में छात्रों ने यदि 3 साल के डिग्री कोर्स के लिए दाखिला लिया और 1 या 2 साल बाद वो कुछ और करना चाहता है तो उसे उतने समय का सर्टिफिकेट या डिप्लोमा भी दिया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों को उनके पूरे कोर्स के दौरान 50 फीसदी समय में इंटर्नशिप के तौर पर इंडस्ट्रीज के साथ काम करना होगा ताकि उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके।