रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के 2.80 लाख छात्र होंगे प्रमोट (2021) |
![]() |
रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के 2.80 लाख छात्र होंगे प्रमोट (2021)https://www.rojgartak.com/राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के इन विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। .. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस सिफारिश से प्रभावित हो रहे हैं, जो बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस साल बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किए जाएंगे। शासन की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपने जो रिपोर्ट सौंपी है, जिसके अनुसार प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के इन विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को अब शासन से दिशा-निर्देश जारी होने का इंतजार है, ताकि प्रमोशन और परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके। पिछले साल भी कोविड के कारण राज्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था। इस बार भी कोविड के कारण परीक्षा कराने की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं और इसी वजह से शासन ने समस्या के निराकरण के लिए तीन कुलपतियों की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने की सिफारिश की है। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस सिफारिश से प्रभावित हो रहे हैं, जो बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत विश्वविद्यालय – महाविद्यालय – उच्च शिक्षण संस्थान संचालित किए जाने सम्बन्धी दिशा-निर्देश शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि यूजीसी की गाइडलाइन के तहत 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित करा ली जाएं। शासन से पत्र जारी होने के बाद प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इन परीक्षाओं में राविवि और मंडल में इसके संघटक महाविद्यालयों के दो लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। राविवि के लिए परीक्षा कराने में सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग है। इसका उपाय भी किया जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या अधिक होगी। राविवि के प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी एवं प्रतापगढ़ में छह सौ से अधिक से संघटक महाविद्यालय हैं, जहां तकरीबन साढ़े चार लाख छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।
राविवि में स्नातक प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं परास्नातक प्रथम वर्ष के तकरीबन ढाई लाख छात्र-छात्राएं है। शासन के निर्देश के अनुसार अब इन सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाएगा। 17 जून 2016 को इलाहाबाद में स्थापित किया गया रज्जू भैया राज्य विवि के दो लाख छात्र देंगे परीक्षाशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि यूजीसी की गाइडलाइन के तहत 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित करा ली जाएं। शासन से पत्र जारी होने के बाद प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इन परीक्षाओं में राविवि और मंडल में इसके संघटक महाविद्यालयों के दो लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। राविवि के लिए परीक्षा कराने में सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग है। इसका उपाय भी किया जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या अधिक होगी। राविवि के प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी एवं प्रतापगढ़ में छह सौ से अधिक से संघटक महाविद्यालय हैं, जहां तकरीबन साढ़े चार लाख छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इनमें से तकरीबन दो लाख छात्र-छात्राएं स्नातक अंतिम वर्ष एवं परास्नातक अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थी है। स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की संख्या एक लाख 25 हजार के आसपास है और परास्नातक अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों की संख्या 75 हजार के आसपास है। परीक्षा कराए जाने संबंधी शासन की ओर से जारी पत्र विवि प्रशासन को मिल चुका है और विवि प्रशासन ने परीक्षा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। राविवि में स्नातक प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं परास्नातक प्रथम वर्ष के तकरीबन ढाई लाख छात्र-छात्राएं है। शासन के निर्देश के अनुसार अब इन सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाएगा। 17 जून 2016 को इलाहाबाद में स्थापित किया गया यूनिवर्सिटी में बिना परीक्षा 4.40 लाख छात्र किए जाएंगे अगली कक्षा में प्रमोटप्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय (पीआरएसयू) सें संबद्ध मंडल के कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे 4,40,088 छात्र-छात्राएं बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रोन्न्त होंगे। विश्वविद्यालय से संबद्ध मंडल (प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी और फतेहपुर) के कॉलेजों में यूजी के 3,50,676, पीजी के 53,063 एवं प्रोफेशनल कोर्स के 36,349 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। कोरोना के बीच राज्य विश्वविद्यालयों में वार्षिक-सेमेस्टर परीक्षा को लेकर मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के बाद अब पीआरएसयू में वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाएं कराए बगैर विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा। ज्ञात हो कि पीआरएसयू की परीक्षाएं तीन मार्च से शुरू हो गईं थीं। कोरोना वायरस के चलते बीच में वार्षिक परीक्षा स्थगित कर दी गई। संक्रमण ने पैर पसारना शुरू कर दिया। ऐसे में परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। प्रो. तनेजा की कमेटी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी। ऐसे में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सभी छात्रों को बगैर परीक्षा के प्रोन्नत कर दिया जाएगा। यह शासन की तरफ से सराहनीय फैसला लिया गया है। वर्तमान दौर में परीक्षा कराना चुनौतीपूर्ण काम था। वहीं, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में सभी पाठ्यक्रमों में तकरीबन 50 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं। ऐसे में उन्हें भी प्रोन्नत का लाभ मिलेगा। कुलपति प्रो. केएन सिंह ने कहा कि अभी तक शासन की ओर से कोई सर्कुलर विश्वविद्यालय प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ है। यदि निर्देश मिलता है तो छात्र-छात्राओं को बगैर परीक्षा प्रोन्नत कर दिया जाएगा। रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के 2.80 लाख छात्र होंगे प्रमोटविस्तारप्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस साल बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किए जाएंगे। शासन की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपने जो रिपोर्ट सौंपी है, जिसके अनुसार प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के इन विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को अब शासन से दिशा-निर्देश जारी होने का इंतजार है, ताकि प्रमोशन और परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके। पिछले साल भी कोविड के कारण राज्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था। इस बार भी कोविड के कारण परीक्षा कराने की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं और इसी वजह से शासन ने समस्या के निराकरण के लिए तीन कुलपतियों की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने की सिफारिश की है। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस सिफारिश से प्रभावित हो रहे हैं, जो बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। राज्य विश्वविद्यालय के प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में 634 संघटक महाविद्यालय है। इनमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर के कुल चार लाख 50 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की संख्या तीन लाख 20 हजार के आसपास है। वहीं, स्नातकोत्तर प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की संख्या एक लाख 70 हजार है। इनमें स्नातक प्रथम वर्ष, स्नातक द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर के कुल दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं बिना परीक्षा के प्रमोट किए जाएंगे, जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के एक लाख 70 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। |