केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं के रिजल्ट की प्रक्रिया को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। अब रिजल्ट की प्रक्रिया को लेकर बनी 13 सदस्यीय समिति ने शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमेटी की इस रिपोर्ट में सीबीएसई और आईसीएसई की 12वीं की परीक्षा का अंक देने का क्राइटेरिया बताया गया है। सरकार ने कहा कि 10वीं और 11वीं के मार्क्स को 30-30 प्रतिशत वेटेज और 12वीं के मार्क्स को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। 31 जुलाई तक सीबीएसई 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। जो बच्चे परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें हालात सामान्य होने पर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र, सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) को 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परिणाम घोषित करने के मानदंड के बारे में सूचित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। सीबीएसई ने अब स्कूल बेस्ड असेसमेंट और प्रैक्टिकल टेस्ट के मोड में बदलाव को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को लंबित आंतरिक या व्यवहारिक परीक्षाओं को ऑनलाइन पूरा करने के लिए कहा है।